ना जाने कौन सा दर्द है – Dard Poem In Hindi
लिखते वक्त शब्दों में ढल जाता है।
हंसना मेरा रोने में बदल जाता है।
चुभता है दिल में मेरे खंजर जैसे ये,
आज भी नहीं, ना ये कल जाता हैं।
ना जाने कौन सा दर्द है।
बेवजह आंखो से पानी बहता हैं।
गूंगे शब्दों में ये कहानी कहता है।
दिल शरीर का एक ऐसा अंग है,
बिना कुछ कहे जो सब सहता है।
ना जाने कौन सा दर्द हैं।
हर वक्त चेहरा उतरा रहता हैं।
चेहरे पे ग़म का पहरा रहता है।
खुशी किसी से नहीं कमबख्त,
ये दिल मेरे गम अपना लेता हैं।
Sudhanshu Krnwal